युवाओं में भी होने लगा है कोलोन कैंसर, जान लीजिए इसके लक्षण और एहतियात, समय से पहले चौकन्ना जरूरी

हाइलाइट्स

पहले माना जाता था कि कोलोन कैंसर का खतरा 50 साल की उम्र के बाद वाले लोगों में ज्यादा है.
अब कोलोन कैंसर 40 साल से कम आयु के लोगों में भी हो रहा है.

Colon Cancer Rise in Young: दुनिया जितनी तेजी से तरक्की कर रही है, उसी रफ्तार से कैंसर के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं. फॉक्स न्यूज के मुताबिक यंग पॉपुलेशन यानी 40 साल से कम उम्र के युवाओं में भी अब कोलोन कैंसर का खतरा बढ़ता जा रहा है. इस अलार्मिंग ट्रैंड के कारण यूएस प्रिवेंटिव सर्विस टास्क फोर्स ने कोलोन कैंसर के लिए टेस्ट कराने की शुरुआती उम्र को घटा दिया था. पहले माना जाता था कि 50 साल के बाद ही कोलोन कैंसर का खतरा है. नई गाइडलाइन में कहा गया है कि 45 से पहले से ही कोलोन कैंसर की जांच कराते रहना चाहिए. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के मुताबिक भारत में प्रति एक लाख की आबादी में 4.4 लोगों को कोलोन कैंसर है. अब यह समझना जरूरी है कि कोलोन कैंसर है क्या.

क्या होता है कोलोन कैंसर

मायो क्लिनिक के मुताबिक अधिकांश जंतुओं के शरीर में आंतें होती हैं जिनमें भोजन अवशोषित होता है और उससे एनर्जी बनती है. इसी एनर्जी से शरीर का सारा काम होता है. भोजन अवशोषित होने के बाद इससे जो अपशिष्ट पदार्थ निकलता है वह धीरे-धीरे बड़ी आंत की ओर बढ़ता है. इसे ही कोलोन कहा जाता है. कोलोन का अंतिम सिरा गुदाद्वार होता है जिसे रेक्टम कहते हैं. जब किसी को कोलोन में कैंसर होता है तो यह बढ़ते-बढ़ते रेक्टम तक पहुंच जाता है. इसलिए इसे कोलोरेक्टर कैंसर कहा जाता है. कोलोन बड़ी आंत का सबसे लंबा भाग है. इसलिए जब इसमें कैंसर पनपता तो इसे बढ़ने में समय लगता है. कोलोन कैंसर की शुरुआत छोटी सी गाठ से होती है. इसमें कोलोन के हिस्से में सेल का कुछ भाग उभर जाता है, इसे पोलिप कहते हैं. आमतौर पर पोलिप नॉन-कैंसरस होता है लेकिन कुछ लोगों में यह कैंसर सेल में बदल जाता है. पहले कोलोन कैंसर 50 साल के बाद ही देखा जाता है लेकिन अब यह यंग एज पर भी हमला करने लगा है. इसलिए चौकन्ना रहना ही इस बीमारी से बचने का सबसे बेहतर तरीका है.

कोलोन कैंसर के लक्षण

  • 1. कहां है कैंसर-ज्यादातर लोगों को कोलोन कैंसर होने पर लक्षण नहीं दिखते. लक्षण दिखना इस बात पर निर्भर करता है कि कोलोन के कितने हिस्से में कैंसर कोशिकाएं फैली है और किस हिस्से में स्थित है. अगर कैंसर सेल्स बहुत ज्यादा हो गए हैं तो कई तरह से लक्षण दिखते हैं.
  • 2. पेट में बदलाव-कोलोन कैंसर होने पर सबसे पहले पेट में कई तरह से परेशानी होनी शुरू हो जाती है. डायरिया और कब्ज इसके प्रमुख लक्षण है. इसमें लंबे समय से कब्ज रहती है जो दवा लेने पर जाती नहीं है.
  • 3. खून आना-कोलोन या रेक्टल कैंसर होने पर स्टूल से ब्लड भी आ सकता है.
  • 4. पेट में दिक्कत-कोलोन कैंसर होने पर पेट के हिस्से में कई तरह की दिक्कतें होती हैं. इसे पेट में दर्द, क्रैंप और गैस की शिकायतें अक्सर रहती हैं.
  • 5. पेट साफ नहीं होना-कोलोन कैंसर होने पर कभी भी पेट साफ महसूस नहीं होता. ऐसा लगता है कि पेट में कई चीजें भरी है जो निकल नहीं रही. पेट खाली महसूस नहीं होता.
  • 6. कमजोरी-कोलोन कैंसर जब किसी को होता है तो बहुत ज्यादा कमजोरी और थकान होती है. हालांकि कमजोरी और थकान के कई और कारण भी हो सकते हैं.
  • 7. वजन कम होना-किसी भी तरह का कैंसर होने पर बिना किसी वजह वजन तेजी से कम होने लगता है. इसलिए अगर बिना वजह वजन कम हो तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं.

कोलोन कैंसर से कैसे बचें

हर तरह के कैंसर से बचने का सबसे बेहतर तरीका यह है कि आप जितना संभव हो सके प्लांट बेस्ड डाइट लें और उसे हल्की आंच पर पकाकर खाएं. हमारे देश में पुराने लोगों का जो भोजन था, वही सबसे उत्तम है. पिज्जा, बर्गर, फास्ट फूड, प्रोसेस्ड फूड, रेड मीट , सिगरेट, शराब बहुत बेकारी की चीजें हैं. इनसे जितना दूर रहें उतना सही है. इन सबके बाद नियमित एक्सरसाइज करें. रोज पैदल चलें, रनिंग करें, साइक्लिंग करें, स्विमिंग करें. वजन पर लगाम लगाएं. ज्यादा भोजन न करें. खुश रहें, अच्छी नींद लें और तनाव से दूर रहें.

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